Importance Of Hora

Importance Of Hora

होरा का महत्व

ज्योतिष शास्त्र में होरा कुंडली होती है धनवान व विपन्न होने का सफल ज्योतिषी गणित करता है प्रतिदिन 12 होरा होती हैं उसमें उन ग्रहों के अनुसार यदि कार्य को किया जाए तो निश्चित ही सफलता प्राप्त होती है ज्योतिष शास्त्र मे होरा व लग्न के आधार पर मुहूर्त की गणना की जाती है लगन और होरा के स्वामी होते हैं उन स्वामी की प्रसन्नता के लिए कार्य किए जाय तो निश्चित और धन प्रचुरता प्राप्त होती है |

सूर्य की होरा - सरकारी नौकरी हेतु आवेदन करना कोई पदभार ग्रहण करना व समस्त शासकीय कार्यों मैं प्रसन्नता सफलता देने वाली और चुनाव राजनीतिक संबंधी कार्य को सूर्य की होरा प्रसस्त मानी जाएगी सूर्य की होरा में माणिक पहनना चाहिए |

चंद्र की होरा - यह होरा समस्त प्रकार के कार्यों के लिए शुभ होती है इसमें विशेष कर करके मोती धारण करना चाहिए |

मंगल की होरा - मंगल की होरा में कर्ज चुकाना न्यायालय मैं मुकदमा दायर करना नौकरी आवेदन देना और प्रशासनिक संबंधी कार्यों के लिए व मकान खरीदना आदि कार्यों के लिए प्रसस्त मानी जाएगी

बुध की होरा - बुध की होरा में नए व्यापार का शुभारंभ करना लेखन प्रकाशन व विद्या का आरंभ करना धन संचय करना प्रार्थना पत्र और पन्ना रत्न धारण करना भी शुभ माना जाता है

गुरु की होरा- गुरु की होरा में उच्च अधिकारियों से से भेंट करना वर वधू का चयन करना विवाह संबंधी कार्य करना और निरीक्षण करना पुखराज रत्न धारण करना आभूषण खरीदना वाहन खरीदना इन कार्यों के लिए भी गुरु की होरा प्रसस्त मानी जाती है

शुक्र की होरा - शुक्र की होरा में नए वस्त्र खरीदना व पहनना आभूषण खरीदना और उसे धारण करना महिलाओं को अपना श्रंगार करना देवियो की पूजन करना फिल्म जगत से संबंधित कार्य को करना मॉडलिंग करना यात्रा पर जाना अति शुभ माना जाता है इसमें हीरा और ओपल रत्न धारण करना प्रसस्त है

शनि की होरा - शनि की होरा में मकान की नींव रखने भूमि पूजन भूमि शोधन करना शनि की होरा में कारखाना शुरू करना वाहन भूमि आदि खरीदना वह बेचना भी शुभत माना जाता है इस होरा मे नीलम गोमद फिरोजा रत्न को धारण करने वाले को कार्य सिद्धि शीघ्र प्राप्त होती है

नोट - होरा शास्त्र को कार्य सिद्धि का अचूक उपाय माना गया है

सूर्य उदय से अगले दिन सूर्य उदय तक 24 होरा होती है

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